यह मात्र आर्ट नहीं कोई कपड़े या कागज की,
गाथा इसकी महान है,
बलि हो गये न जाने कितने शूरवीर,
सर्वोपरि हमारे लिए तिरंगे का सम्मान है।
इस आजादी के खातिर
न जाने कितने बलिदान
दफन है
इस तिरंगे को मेरा कोटि-कोटि नमन है।
सुंदर होंगे देश बहुत से
बहुत बडी़ है ये धरती
पर अपनी माँ तो अपनी है,
अमिट प्यार है जो करती ।
भारत माता की जय ॥
सीमा पर डटे उन वीरों का कर्ज हम कैसे चुका पायेंगे,
न्यौछावर हो गये देश के लिए जो,
रक्त कैसे उनका भूल पायेंगे
मिट जाएँ लेकिन मिटने न दें भारत को,
स्वयं में ऐसा विश्वास रखना है,
हमें मिली इस आजादी को
हमेशा याद रखना है।
हमें मिली…………………………
आप सभी को स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ ।
मैं रहूँ या
न रहूँ,
ये भारत रहना चाहिए…….
आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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