15 अगस्त का दिन, भारत के लिए आजादी का दिन। 15 अगस्त 1947 के दिन भारत ब्रिटिश शासन की बेड़ियों से मुक्त हुआ था। साथ ही भारत के लिए उदय हुआ एक नये सूर्य का। भारत, हमारा भारत, जिसे स्वतंत्र भारत बनाने के लिए न जाने कितने बलिदान हो गये। मंगल पाण्डेय, रानी लक्ष्मीबाई, सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह जैसे अनेकों देशभक्त भारत की आजादी कि लिए समर्पित हो गये। इनके साथ ही ऐसे अनगिनत नाम, जिन्हें हम जानते ही नहीं और शायद कभी

जान भी न पायें, जिनका भारत की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान रहा है, ऐसे सभी सेनानियों को हमारा कोटि – कोटि प्रणाम। हमारा प्रणाम उन शूरवीरों को भी जो आज भी हमारे भारत को आजाद बनाये रखने के लिए भारत की सीमाओं के अन्दर और बाहर  कार्यरत है।
इन सभी महान बलिदानों के
बावजूद क्या आपको लगता है कि आप वास्तव में आजाद है?

क्या है आपके लिए आजादी के वास्तिविक मायने...........

यहाँ मेरा मतलब हर उस इंसान से है, जो जीवन में आगे बढ़ने के लिए आजाद नहीं है। जो कहीं न कहीं रुक गया है। उसके विकास का क्रम स्थिर हो गया है। वो गुलाम हो गया है अपने आलस्य का, अपनी बुरी आदतों का। कुछ लोगों के लिए ये आलस्य और बुरी आदतें आजादी हो सकती है। लेकिन ये सभी इस बात से परिचित नहीं है कि इनकी उन्नति (progress) का सीधा सम्बन्ध देश की उन्नति से है। अन्यथा इनकी अवनति देश को अवनति की ओर ले जायेगी। मैं यहाँ केवल दूसरों को ही दोष नहीं दे रहा हूँ। इस गिनती मैं स्वयं को भी रखता हूँ।

देश अपनी व्यथा को कुछ इस प्रकार व्यक्त कर रहा है –
 
 हर रोज रात में सोते समय यही विश्व विचार करता हूँ,कि उठ

जल्द शुभ सुबह एक नये भविष्य के लिए प्रबल प्रहार करता हूँ

,
किन्तु देर सवेरे रत रहते हम अपनी अय्याशी में,तब विचलित व्याकुल होकर ये दुखियारा देश कहता,तुझसे कैसी आस करूँ

मैं,
तुझ पर कैसे विश्वास करूँ मैं, 
या केवल खुद पर उपहास करूँ मैं………………

कुछ लोगों के लिए आजादी का मतलब ऐसी अवस्था (state) से है, जिसमें वे कुछ भी करने के लिए आजाद है।

जो उनकी अनुशासनहीनता को प्रदर्शित करता है। क्या आपको लगता है कि अनुशासनहीनता सही में आजादी है।

 या फिर अनुशासन के साथ किए गए काम हमें सही मायने में आजादी देते है।

क्या एक सिंगर बिना अनुशासन के एक अच्छा गाना गा सकता है।

क्या कोई खिलड़ी बिना अनुशासन के अपने खेल में अच्छा प्रदर्शन कर सकता है। क्या हम अनुशासन के बिना स्वयं को फिट रख सकते है।


जो इस आजाद भारत में हम आजादी जी रहे है, ये उन सभी सेनानियों के अनुशासन का नतीजा है।

अनुशासन प्यार के प्रदर्शन का एक तरीका है। जिन बच्चों को बिना अनुशासन के काफी आजादी देकर पाला जाता है, वह न तो स्वयं की इज्जत करते है और न ही समाज की।

अच्छे माता – पिता अनुशासन लागू करने के लिए घबराते नहीं है, बच्चे भले ही उन्हें कुछ देर के लिए ना पसंद करें।

अनुशासन
और पछतावा दोनों ही दर्द देते है। यह चुनाव आपका है, आप अपने लिए कैसी आजादी चुनते है।

धन्यवाद है इस समय को। आप सभी कम से कम इतने आजाद तो है कि मेरी यह पोस्ट पढ़ पा रहे है।

सभी के लिए आजादी का मतलब अलग – अलग हो सकता है।

Comments के माध्यम से आप हमें बता सकते है कि

आखिर क्या है आपके लिए आजादी का असली मतलब????????   

15 अगस्त से सम्बंधित वीर रस से भरी पक्तियों के लिए   

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