12 January Today history events
हर दिन में कुछ खास है, हर दिन का अपना अंदाज है। हर दिन कहता एक अलग इतिहास है।
आज है, 12 जनवरी। इस पोस्ट मॆं हम जानेंगे इतिहास में हुई 12 जनवरी से सम्बन्धित विशेष घटनाओं के विषय में कुछ अलग अंदाज में।
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है सन इन डीप अर्थात संदीप। दोस्तों besthindilink.com में आपका बहुत-बहुत स्वागत है……….
तो चलिए शुरुआत ईधर से –
- 1964 –
भारत के पूर्व गेंदबाज बापू नाडकर्णी ने मद्रास में इंग्लैंड के विरुद्ध पहले टेस्ट में लगातार 21 ओवर मेडन फेंके। छह गेदों के ओवर के इतिहास में यह अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है।
एक नजर –
- बापू नाडकर्णी (Bapu Nadkarni) – इनका पूरा नाम रमेशचंद्र गंगाराम ‘बापू’ नाडकर्णी था। इन्होंने 1955 से 1968 तक भारतीय क्रिकेट टीम के लिए टेस्ट क्रिकेट खेला था। यह एक बाये हाथ के गेंदबाज थे। इनका जन्म 4 अप्रैल 1933 को नासिक, ब्रिटिश भारत में हुआ था। इनका निधन 17 जनवरी 2020 को हो गया था।
- 2005 –
‘डीप इम्पैक्ट’ अंतरिक्ष यान को डेल्टा द्वितीय रॉकेट की सहायता से प्रक्षेपित किया गया।
एक नजर –
- डीप इम्पैक्ट (Deep Impact) – यह यान नासा द्वारा केप कैनवेरल एयर फोर्स स्टेशन से लांच किया गया था। इसका उद्देश्य टेम्पल-1 धूमकेतु की आंतरिक संरचना का अध्य्यन करना था। यह मिशन 8 वर्ष 6 महीने 26 दिन तक चला।
- स्वामी विवेकानंद –
एक नजर –
स्वामी विवेकानंद जी का जीवन हमेशा ही हमारे लिए प्रेरणास्त्रोत का कार्य करता रहेगा। जब भी आदर्श महापुरुष का व्याख्यान होता है तो विवेकानंद जी का नाम हमेशा ही लिया जाता है।
स्वामी विवेकाननद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ था। वर्तमान समय में कलकत्ता को कोलकाता के नाम से जाना जाता है। इनके पिता विश्वनाथ दत्त, कलकत्ता हाइकोर्ट में एक वकील थे। माता भुवनेश्वरी देवी एक धार्मिक विचारों वाली महिला थी। दादा जी दुर्गाचरण दत्त संस्कृत और फारसी के विद्वान थे। बचपन में इन्हें नरेन्द्र नाम से पुकारा जाता था। इनके गुरु का नाम रामकृष्ण परमहंस था।
स्वामी जी ने विश्व में जगह-जगह जाकर भारतीय संस्कृति का खूब प्रचार प्रसार किया। 1893 में यह अमेरिका के शिकागो शहर में पहुँचे। यहाँ इन्होने विश्व धर्म सम्मेलन में भारत की ओर से भाग लिया। इस सम्मेलन में सभी धर्मगुरु अपनी अपनी किताबों की जानकारी दे रहे थे। विवेकानन्द जी ने इस सम्मेलन में भगवत गीता को प्रस्तुत किया।
बहनों और भाइयों के उदबोधन के साथ उन्होंने अपना बहुत ही प्रभावशाली भाषण प्रस्तुत किया। जिसे सुन हर एक श्रोता स्वामी जी से बहुत अधिक प्रभावित हुआ। स्वामी जी के सम्मान में सभी ने तालियों कि गड़गड़ाहट के साथ उनका अभिवादन किया।
केवल 39 वर्ष की उम्र में 4 जुलाई 1902 को स्वामी विवेकानंद जी इस संसार को छोड़ गहन निद्रा में लीन हो गये। इनका अंतिम संस्कार बेलूर में गंगा नदी के तट पर किया गया।
अगर आज के दिन में आपके लिए एसा कुछ भी रहा है खास,
जो आपके लिए रहने वाला है यादगार।
तो आप भी share कर सकते है, हमारे साथ अपने विचार।
यहाँ मेरा प्रयास यह किया गया है कि आज के दिन इतिहास में हुई घटना को केवल याद ही नहीं रखना है बल्कि इस दिन के बहाने कुछ अन्य पाइंट्स को भी कनेक्ट करना है।
12 January – Today history events पर आधारित यह पोस्ट आपको कैसी लगी। आप अपनी बातें comments के माध्यम से हमारे साथ शेयर कर सकते है।
हिन्दी का सम्मान करें, हिन्दी बोलने में गर्व महसूस करें।
तब तक के लिए –
Feel every moment,
live every moment,
Win every moment…
Kyu ki ye pal phir nahi milne wala…………………………
— Sun in Deep