National Doctors Day in Hindi 2021 | राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस |1 जुलाई

National Doctors Day in hindi  national doctors day in hindi

हर दिन में कुछ खास है, हर दिन का अपना अंदाज है, हर दिन कहता एक अलग इतिहास है।

आज है, 1 जुलाई यानि कि राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (National Doctor’s Day) । इस दिन के बहाने मैं करूँगा कुछ और पॉइंट्स को कनेक्ट।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम है सन इन डीप अर्थात संदीप। दोस्तों besthindilink.com में आपका बहुत-बहुत स्वागत है।

तो चलिए शुरुआत इधर से –

चिकित्सा मतलब थेरेपी वो प्रकिया है जो कि किसी भी रोग के उपचार के लिए प्रयोग की जाती है। वर्तमान समय में अनेकों प्रकार की चिकित्सा उपयोग में लायी जाती है। आयुर्वेद, एलोपैथी, होम्योपैथी के बारे में तो हम सभी अच्छे से जानते ही है लेकिन इसके अलावा अनेक प्रकार की थेरेपी भी यूज की जाती है। जैसे –  एक्यूप्रेशर थेरेपी, एक्यूपंक्चर थेरेपी, हीट थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, चुंबक चिकित्सा (magnet therapy), मसाज थेरेपी, मड थेरेपी, म्यूजिक थेरपी, फिजियोथेरेपी (Physiotherapy), प्लाज्मा थेरपी, जल चिकित्सा (Water Therapy) आदि। इनमें से कुछ थेरेपी आपने शायद प्रयोग की हों या कुछ के विषय में तो आपने अवश्य ही सुना होगा।

Points : इम्यूनोथेरेपी –

इम्यूनोथेरेपी कैंसर के रोग में दी जाने वाली एक विशेष प्रकार की थेरेपी है। यह थेरेपी व्यक्ति के इम्यून सिस्टम पर कार्य करती है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत कर कैंसर को हराने में बहुत हद तक सफल रही है।

ऐसा नहीं है कि किसी भी थेरेपी को कभी भी और किसी भी बीमारी के लिए यूज कर लिया जाये। जिस प्रकार का रोग होता है, उस प्रकार की ही थेरेपी का प्रयोग किया जाता है। केवल मानव के लिए ही नहीं बल्कि जानवरों के लिए भी विशेष प्रकार की Pet Therapy को प्रयोग में लाया जाता है।

ये विभिन्न प्रकार की चिकित्सा जिनके द्वारा की जाती है, हम उन्हें चिकित्सक, डॉक्टर, वैद्य आदि नामों से जानते है।National Doctors Day in hindi

राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस कब मनाते है :

भारत में प्रत्येक वर्ष 1 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के रुप में मनाया जाता है।

शुरुआत कब हुई :

भारत में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाने की शुरुआत वर्ष 1991 से की गयी थी।

क्यों मनाया जाता है :

चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ. बिधान चंद्र रॉय के योग्दान और उनके सम्मान में इनके ज्न्मदिन 1 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

डॉ. बिधान चंद्र रॉय – एक झलक :

  • इनका जन्म 1 जुलाई 1882 में बिहार के पटना जिले में हुआ था।
  • यह पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री थे और जीवन के अंतिम समय में भी वे इस पद पर कार्यरत थे।

Points :  पश्चिम बंगाल –

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता है। यहाँ के प्रथम मुख्यमंत्री प्रफुल्ल चंद्र घोष थे। वर्तमान समय में यहाँ की मुख्य्मंत्री ममता बनर्जी है, जो कि पश्चिम बंगाल कि पहली महिला मुख्यमंत्री है।

  • 1961 में इन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्‍न से सम्मानित/ पुरस्कृत किया गया था।

Points : भारत रत्न –

  • भारत रत्‍न कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल के क्षेत्र में दिया जाने वाला सम्मान है।  भारत रत्‍न की स्थापना  2 जनवरी  1954  में की गई थी।
  • सर्वप्रथम यह सम्मान 1954 में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन, चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, डॉक्टर चन्‍द्रशेखर वेंकटरमण को भारत के तत्कालीन  राष्ट्रपति  श्री  राजेंद्र प्रसाद  द्वारा दिया गया था।
  • भारत रत्न प्राप्त करने वाले एकमात्र खिलाड़ी “मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर” हैं और साथ ही वह भारत रत्न प्राप्त करने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति भी हैं ।उस समय उनकी उम्र 40 वर्ष, 11 महीने,  11 दिन थी।
  • यह भी आवश्यक नहीं है कि भारत रत्‍न सम्‍मान प्रत्येक वर्ष दिया जाए।
  • एक वर्ष में अधिकतम तीन व्यक्तियों को ही भारत रत्न दिया जा सकता है।
  • प्रारम्भ में इस सम्मान को मरणोपरांत नहीं दिया जाता था, परन्तु 1955 के प्रावधान के अंतर्गत यह मरणोपरांत भी दिया जाने  लगा। 
  • इसका कोई लिखित प्रावधान नहीं है कि भारत रत्‍न केवल भारतीय नागरिकों को ही दिया जाएगा । यह पुरस्‍कार दो  दो गैर-भारतीयों, 1987 में पाकिस्तान के  खान अब्दुल गफ्फार खान  जिन्हे सीमान्त गांधी के नाम से भी जाना जाता है और 1990  में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला  को मिल चुका है। 
  • प्रारम्भ में इसका डिजाइन 35 मिमि गोलाकारस्वर्ण मैडल था। जिसमें सामने की ओर सूर्य  बना हुआ था, ऊपर हिन्दी में भारत रत्न लिखा था और नीचे पुष्प हार था। और पीछे की तरफ राष्ट्रीय चिह्न और मोटो था। फिर इसके डिजाइन को बदल कर  तांबे के बने  पीपल के पत्ते पर  प्लेटिनम का चमकता सूर्य बना दिया गया है। जिसके नीचे  चाँदी  में लिखा रहता है “भारत रत्न” और यह सफेद फीते के साथ गले में पहना जाता है।
  • 1962 में डॉ. बिधान चंद्र रॉय की याद में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद) के द्वारा डॉ.बी सी रॉय पुरस्कार की स्थापना  की गई थी।
  • 1962 में 80 वर्ष की आयु में अपने जन्मदिन के दिन मतलब कि 1 जुलाई को ही इनकी मृत्यु हो गई थी।
  • 1962 में डॉ. बिधान चंद्र रॉय की याद में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद) के द्वारा डॉ.बी सी रॉय पुरस्कार की स्थापना की गई थी।

Points :  डॉ.बी सी रॉय पुरस्कार –

यह पुरस्कार राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (1 जुलाई) पर नई दिल्ली में भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। इसे पहली बार 1973 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति वी. वी. गिरि द्वारा संदीप मुखर्जी को प्रदान किया गया था।

चिकित्सक की भूमिका :

एक चिकित्सक की हमारे जीवन में क्या भूमिका है, ये तो हम सभी जानते ही है। चाहे किसी भी युग की बात हो, एक चिकित्सक का पद हमेशा से ही सम्मानीय रहा है। वैसे तो प्रत्येक व्यकित यही चाहता है कि उसे कभी भी डॉक्टर के पास जाने की जरुरत न हो। लेकिन आज के समय में जिस प्रकार का वातावरण हमारे चारों ओर है, हमारे शरीर में किसी न किसी प्रकार का रोग रहता ही है. इन रोगों को दूर करने के लिए हमें जरुरत होती है चिकित्सक की।

Point:

जिस प्रकार किसी विशेष प्रकार की बीमारी के लिए उस बीमारी से सम्बंधित एक्सपर्ट चिकित्सक की आवश्यकता होती है ठीक उसी प्रकार हमारे जीवन में भी अनेकों समस्याएँ होती है। इसके लिए आवश्यक है कि  हमारी समस्या जिस फील्ड से related हो, हम उस फील्ड से सम्बंधित एक्सपर्ट से बात करें। अपनी समस्याओं के लिए किसी से भी राय न लें। इस कंडीशन में इस बात के ज्यादा चांस होंगे कि आप गलत दिशा में आगे बढ़ जाएँ।

वर्तमान समय में चल रही इस COVID- 19 कोरोना वायरस की बीमारी को हराने के लिए हम डॉक्टरो, वैद्यों की कोशिशों से तो अच्छी प्रकार से अवगत है। ये सभी अवश्य जल्द ही इस बीमारी को खत्म करने का तरीका जल्द ही खोज लेंगे बशर्ते हम सब भी इनका सही प्रकार से साथ दें।

डॉक्टर पैसे कमाने का एक पेशा :

एक बीमार इंसान के लिए डॉक्टर को भगवान समान ही समझा गया है लेकिन जब यह भगवान शैतान बन जाये तो आपको बचाने वाला कौन है? हम अक्सर अस्पतालों, डॉक्टरों की धोखाधड़ी की न्यूज सुनते ही होंगे। एक समय पहले इनका कार्य केवल एक अच्छा स्वास्थय प्रदान करना था परन्तु अब यह इनके व्यापार का जरिया भी बन गया है। इस मिलावट भरे जमाने में कौन डॉक्टर सही  है और कौन गलत ये वास्तव में मुश्किल कार्य है।

सही समय पर सही डॉक्टर की सलाह मिल जाये तो आप वाकई में अपने आप को किस्मत वाला समझिये। एक डॉक्टर की फीस और दूसरी स्कूल की फीस दोनों के लिए ही हम ना शब्द प्रयोग नहीं कर सकते। एक तरफ जीवन का प्रश्न है और दूसरी ओर बच्चों की शिक्षा का।

इन बातों को तो हम सभी अच्छे से जानते है कि बीमार हो जाने पर हमारे साथ क्या कया समस्या हो सकती है और हम ये भी बहुत ज्यादा अच्छे से जानते है कि आज के समय में इनसे बचने के लिए हमारे पास एक साधान है, वो है योग- प्राणायाम, आसन। लेकिन दुख का विषय यह है कि हम सभी इन्हें ignore ही करते रहते है और दूसरी ओर विदेशी लोग हमारी इस पद्धति का लाभ उठाने में लगे हुए है। कहीं ऐसा न हो जाये कि देर अधिक हो जाये।

डॉक्टर और वैद्य में अंतर (Difference between Doctor and Vaidya‌):

सही मायने में तो दोनों के काम एक ही है उपचार करना, दोनों में कोई विशेष अंतर नहीं है। आयुर्वेद से सम्बंधित चिकित्सा का ज्ञाता वैद्य कहलाता है। बात जब एलोपैथी की जाती है तो इस आधुनिक चिकित्सा में हम उसे डॉक्टर कहते है।

आज का रोचक तथ्य

एलोपैथी चिकित्सा केवल लगभग 250 वर्ष पुरानी है। अगर आयुर्वेद की बात की जाये तो यह बहुत ही प्राचीन व प्रचलित पद्धति है। जानकारी बताती है कि आयुर्वेद का इतिहास तो अरबों वर्ष पुराना है। जब बात एलोपैथी की जाती है तो यह दर्द में तुरंत राहत तो देती है लेकिन यह रोग को जड़ से खत्म नहीं करती है और इनका अधिक सेवन भविष्य में नकारात्मक प्रभाव भी उत्पन्न कर सकता है। इसके विपरीत आयुर्वेद रोग को जड़ से खत्म करने में विश्वास रखता है और किसी भी प्रकार का नकारात्मक प्रभाव नहीं होता है। इन सब के बावजूद हम अधिकतर एलोपैथी पर ही निर्भर है।

अगर आज के दिन में आपके लिए ऐसा कुछ भी रहा है खास,

जो आपके लिए रहने वाला है यादगार,

तो आप भी share कर सकते है, हमारे साथ अपने विचार।

राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (National Doctors Day in hindi) पर आधारित यह पोस्ट आपको कैसी लगी। आप अपनी बातें comments के माध्यम से हमारे साथ शेयर कर सकते है।

हिन्दी का सम्मान करें, हिन्दी बोलने में गर्व महसूस करें।

तब तक के लिए –

Feel every moment,

 live every moment,

   Win every moment…

     Kyu ki ye pal phir nahi milne wala……

                                                                                                                        – Sun in Deep

2 Comments

  1. संदीप जी इतनी महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए धन्यवाद मैं आशा करता हूं कि आगे भी इसी प्रकार हमें महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करते रहेंगे

    1. आपके उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद रंजीत भाई जी। मैं इस प्रकार की जानकारियाँ लेकर आता रहूँगा। इसके लिए आप besthindilink.com पर विजिट करते रहें।

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