पहाड़ की चोटी | Hindi story about problems | An Inspirational story

सीखते रहने में ही जिंदगी का असली मजा है, अच्छा या बुरा वो पूरी तरह से आप पर ही निर्भर (depend) करता है। अगर हर रोज आप कुछ नया सीखने की कोशिश नहीं कर रहे है तो अवश्य ही आप कहीं न कहीं फसे हुए है और आप ही है जो इस कैद से खुद को आजाद कर सकते है। स्वयं पर विश्वास रखिए और अपनी समस्याओं को समाधान में बदलिए ।

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है सन इन डीप अर्थात संदीप। दोस्तों आपका besthindilink.com में बहुत-बहुत स्वागत है।

तो चलिए शुरुआत इधर से —–

 

Pahad ki choti– Hindi story about problems

pahad ki choti

 

काशी और बिरजू दो दोस्त थे। दोनों एक ही गाँव के रहने वाले थे। उनके गाँव का नाम धरमौल था। यह गाँव पहाड़ी क्षेत्र में बसा हुआ था। बिरजू स्वभाव से शांत और धैर्यवान था। काशी का स्वभाव गुस्से वाला था और वह किसी भी कार्य को लेकर बहुत ज्ल्द ही उत्साहित हो जाता था।

काशी और बिरजू एक ही स्कूल में पढ़ाई करते थे। इनके स्कूल के सामने एक ऊँचे पहाड़ की चोटी दिखाई देती थी। दोनों ही बचपन से यह सुनते आये थे कि पहाड़ की इस ऊँचाई पर बहुत कम लोग पहुँच पाये है। दोनों ही उस चोटी पर पहुँचना चाहते थे। वे दोनों यह विचार करते रहते थे कि आखिर इस चोटी पर कैसा महसूस होता होगा। दोनों ने मिलकर इस पहाड़ पर चढ़ने की योजना बनायी।

अपने साथ उन्होंने खाने-पीने का सामान लिया और पहाड़ के लिए चढ़ाई शुरु कर दी। दोनों ही जैसे-जैसे चोटी की तरफ आगे बढ़ते जा रहे थे, उनकी उत्सुकता धीरे-धीरे बढ़ते जा रही थी। इस बीच उन्होंने उस पहाड़ की बहुत सी छोटी-छोटी चोटियों को पार कर लिया था। दो दिन बाद आखिर वे इस चोटी पर पहुँच गये, जिस पर पहुँचने का सपना वो कब से देख रहे थे।

जैसे ही वह उस पहाड़ की सबसे ऊँची चोटी पर पहुँचे तो वे दोनों बहुत ही खुश हुए। उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। लेकिन उनकी खुशी अधिक देर तक टिक नहीं सकी। क्यों कि उस पहाड़ की चोटी से एक अन्य पहाड़ दिखाई दे रहा था, जो कि उससे भी ऊँचा था।  दोनों ही यह देखकर निराश हुए। यह देखकर काशी को बहुत अधिक गुस्सा भी आया। लेकिन दोनों ने जल्द ही यह फैसला किया कि वे इस दूसरे पहाड़ के लिए चढ़ाई शुरु करेंगे। दोनों आगे बढ़े और चढाई शुरु की।

कुछ दिन बाद जब वे उस दूसरे पहाड़ की चोटी पर पहुँचते है तो देखते है कि उस पहाड़ से एक अन्य पहाड़ दिखाई दे रहा है। जिसकी ऊँचाई इससे भी अधिक थी।  यह देखकर काशी का गुस्सा और बढ़ गया। हालंकि बिरजू भी काफी अधिक निराश था, लेकिन उसने खुद को सम्भाला और किसी तरह से काशी को भी शांत किया। अब उन्होंने निश्चय किया कि इस तीसरे पहाड़ की चोटी पर तो हम अवश्य पहुँच कर रहेंगे। दोनों ने उस तीसरे पहाड़ के फिर से शुरुआत की। दोनों ही काफी अधिक थक चुके थे। लेकिन वे कुछ दिन बाद आखिर उस तीसरे पहाड़ की चोटी पर पहुँच जाते है।

लेकिन ये क्या!!!!

उस चोटी से तो एक अन्य पहाड़ की उससे भी अधिक ऊँचाई की चोटी दिखाई दे रही थी। ये सब देखकर तो काशी के गुस्से का स्तर बहुत अधिक बढ़ गया। उसका मन घोर निराशा से भर गया। वह अपने गुस्से पर संयम नहीं रख सका। सबसे ऊँचे पहाड़ की चोटी पर न पहुँच पाने की वजह से काशी ने उस पहाड़ से कूदकर अपनी जान दे दी।

बिरजू भी बहुत अधिक डर गया था, लेकिन उसने धैर्य से काम लिया। वह इस बात को अच्छे से समझ चुका था कि पहाड़ी क्षेत्र में अनेक पहाड़ों और ऊँची-ऊँची चोटियों का होना सामान्य बात है। और वह तीसरे पहाड़ से अपने घर के लिए वापिस निकल पड़ा।

कहानी की सीख :

यह कहानी हमें बहुत सी सीख देती है –

  1. जिस तरह से पहाड़ी क्षेत्र में पहाड़ों और ऊँची-ऊँची चोटियों का होना सामान्य है, उसी तरह से हमारे इस जीवन में भी समस्याओं का होना भी सामान्य है। हम अपने साथ अक्सर देखते ही है कि जैसे ही हमारी एक समस्या हल (solve) होती है, तो दूसरी समस्या हमारे दरवाजे पर खड़ी रहती है। यह समस्याएँ , उन चोटियों की तरह छोटी और बडी़ हो सकती है। इन समस्याओं का छोटा – बड़ा होना पूरी तरह से हम पर ही निर्भर करता है।

हमें इन समस्याओं से घबराना नहीं चाहिए। बल्कि इन्हें जीवन का पार्ट समझना चाहिए। हमें इन समस्याओं से खेलने की आर्ट आनी चाहिए। हमें किसी भी समस्या में उलझकर नहीं रहना है, बल्कि इन समस्याओं को हल करते हुए आगे बढ़ते रहना है।

  1. दूसरी सीख यह है कि हमें अपने क्रोध और समय- समय पर उत्पन्न होने वाली निराशा पर नियंत्रण रखना चाहिए। अगर यह निराशा अधिक समय तक हमारे साथ बनी रहती है तो यह जल्द ही अवसाद (depression) का कारण बन जाती है। गुस्से में किये गये निर्णय हमारे लिए ही सबसे बड़े शत्रु साबित होते है।

क्या इस कहानी में आपको कोइ और सीख भी नजर आ रही है? यदि हाँ, तो comments के माध्यम से जरुर बताइये।

क्या आज के दिन में आपने भी सीखा है  कुछ भी नया?

क्या डेवलप (develop) कर रहे है कोइ नयी स्किलस (skills)??

यदि जबाब हाँ है तो आप सही दिशा में है और जबान नहीं है तो आज से ही शुरुआत कर दीजिए।

आप अपने जीवन के किस पहाड़ की चोटी पर पहुँचने की योजना बना रहे है?  

पहाड़ की चोटी पर आधारित यह प्रेरणादायक कहानी आपको कैसी लगी। आप अपने विचार comment के माध्यम से हमारे साथ शेयर कर सकते है।

हिन्दी का सम्मान करें, हिन्दी बोलने में गर्व महसूस करें।

तब तक के लिए –

Feel every moment,

 live every moment,

   Win every moment…

     Kyu ki ye pal phir nahi milne wala………

Sun in Deep

 

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