World Photography Day in hindi 2022। विश्व फोटोग्राफी दिवस । 19 अगस्त

World Photography Day in hindi 

[फोटोग्राफी – शुरुआत, सेलिब्रेट कब और क्यों, कैमरे का सफ़र, डिजिटल कैमरा – कार्य तकनीकि, फोटोग्राफी एक बेहतरीन करियर, करियर ऑप्शन्स, रोचक तथ्य]

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world photography day in hindi

आज के समय में शायद ही कोइ होगा जो कि फोटोग्राफी शब्द से अंजान हो। साधारण भाषा में फोटोग्राफी से मतलब फोटो खींचने से है। लेकिन ये आप पर निर्भर करता है कि आप इस काम को कितने creative तरीके से कर सकते हो।

हर दिन में कुछ खास है, हर दिन का अपना अंदाज है। हर दिन कहता एक अलग इतिहास है।

आज है, 19 अगस्त यानि कि विश्व फोटोग्राफी दिवस (World Photography day in hindi)। इस दिन के बहाने मैं करूँगा कुछ और पॉइंट्स को कनेक्ट।

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है सन इन डीप अर्थात संदीप। दोस्तों besthindilink.com में आपका बहुत-बहुत स्वागत है……….

तो चलिए शुरुआत इधर से —–

फोटो बिना कुछ कहे अपनी भावनाये व्यक्त करने का एक अच्छा माध्यम है। हम सभी daily routine में अपने फोन द्वारा एक – दूसरे को अनेक प्रकार की इमेज, इमोजी भेजते ही रहते है। अब से कुछ साल पहले ये फोटोग्राफी हमारे लिए इतना आसान नहीं था। इस काम के लिए हमें बहुत ही महंगा कैमरा चाहिए होता था या फिर किसी फोटो स्टूडियो में जाकर पैसा खर्च करना पड़ता था। लेकिन वर्तमान समय में स्मार्ट फोन की क्रांति के कारण एक आम आदमी के लिए फोटो खींचना बहुत ही आसान हो गया है।

Point :

फोटोग्राफी शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द फोटोज मतलब प्रकाश और ग्राफीन मतलब खींचने से मिलकर हुई है। इसका मतलब हुआ प्रकाश का use करते हुए किसी के चित्र को प्रकट करना।

हम कुछ भी देखते है, उसका चित्र एक समय सीमा तक ही हमारे दिमाग में स्टोर रहता है। एक समय अवधि के बाद यह धुधला होता ही जाता है। लेकिन फोटो खींच हम उस याद को जब तक चाहे तब तक सुरक्षित रख सकते है।

विश्व फोटोग्राफी दिवस कब मनाते है :

विश्व फोटोग्राफी दिवस प्रत्येक वर्ष 19 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है।

शुरुआत कब हुई :

आधिकारिक तौर पर विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाने की शुरुआत 19 अगस्त 2010 से की गयी थी।

क्यों मनाया जाता है :

फोटोज (Photos), विडियोज (Videos) के महत्व को हम सभी जानते ही है। बीता हुआ समय वापिस नहीं आता है। लेकिन उन यादों को सहज कर रखने की व्यवस्था आज हमारे पास है। हम फिर से उन यादों में जा कर उन्हें जीने लगते है। बात मनोरंजन की हो, सुरक्षा की हो, जानकारी की हो, कुछ भी हो, कोइ भी क्षेत्र हो इस डिजिटल जमाने में बिना photos, videos के बिना कोइ बात नहीं होती है। फोटोग्राफी के इस महत्व को देखते हुए 19 अगस्त को विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाया जाता है।

कैमरे का सफ़र :

फोटो, वीडियो शूट करने के लिए जिस उपकरण का प्रयोग किया जाता है, उसे कैमरा कहते है। शुरुआत में कैमरे का आकार बहुत बड़ा था। समय के साथ साथ अनेक प्रकार के प्रयोग होते रहे और कैमरे का आकार छोटा होता गया। जानते है कैमरे के सफर के बारे में –

  • कैमरा ऑब्सक्यूरा (Camera Obscura) – कैमरे की शुरुआत कैमरा Obscura के रुप में हुई। इसका मतलब हुआ एक “अंधेरा कक्ष”। शुरुआत में किसी की फोटो लेने कि लिए एक कमरे का प्रयोग किया जाता था। इसमें एक छोटा सा छेद होता था। जिस object की इमेज प्राप्त करनी होती थी तो उस object से प्रकाश छेद से होते हुए दीवार की दूसरी ओर प्राप्त होता था। यहाँ प्रकाश का concept उसी प्रकार है, जिस प्रकार किसी object को देखने के लिए हम अपनी आँख का प्रयोग करते है। लेकिन इस प्रोसेस से जो तस्वीर दीवार पर प्राप्त होती थी, वह वास्तिविक आकार के विपरीत प्राप्त होती थी।
  • वर्ष 1490 – लिओनार्डो दा विंची (Leonardo Da Vinci) ने images को ट्रेस करने का तरीका प्राप्त कर लिया था।
  • 18 वीं शताब्दी में शीशे का प्रयोग किये जाने लगा और तिरछी दिखायी दी जाने वाली तस्वीर सीधी ट्रेस की जाने लगी।
  • वर्ष 1826 – सर जोसेफ ने पहला पिन होल कैमरा बनाने में सफलता प्राप्त की। इसमें काँच की प्लेट को अम्ल से साफ करके सूर्य की रोशनी में रख दिया जाता था। इससे काँच की प्लेट पर एक नेगेटिव प्राप्त होती थी। इस प्रकिया को हेलियोग्राफ कहा गया। इस कैमरे की एक बडी़ कमी यह थी कि इसमें इमेज प्राप्त करने में लगभग 8 घंटे का समय लगता था।
  • वर्ष 1839 – लुइस डैगुरे ने एक डैगुरियोटाइप नामक प्रोसेस बनाया। इसके द्वारा प्रैक्टिकल तौर पर फोटोग्राफी की शुरुआत की गयी।
  • वर्ष 1840 – हैनरी फॉक्स ने कैलोटाइप्स नामक एक प्रोसेस बनाया। इसकी सहायता से एक image की बहुत सी कॉपियाँ बनायी जा सकती थी।
  • वर्ष 1855 – काँच की प्लेट के स्थान पर साल 1855 में ड्राइ प्लेट्स का प्रयोग होने लगा।
  • वर्ष 1885 – जॉर्ज इस्टमैन (George Eastman) द्वारा पेपर फिल्म बनाने में सफलता हासिल की गयी।
  • वर्ष 1888 – कोडक (Kodak) नामक कम्पनी की शुरुआत की गयी। शायद आपने पहले कभी कोडक नाम अवश्य सुना होगा। इस कंपनी ने पेपर फिल्म पर काम शुरु किया। एक पेपर फिल्म के द्वारा लगभग 100 images ली जा सकती थी। इस पेपर फिल्म को हटाकर दूसरी फिल्म को भी लगाया जा सकता था।
  • वर्ष 1928 – TLR (Twin Lens Reflect) कैमरे का प्रयोग किये जाने लगा। इसमें दो लेंस का प्रयोग किया जाता था। एक लेंस के द्वारा view को find किया जाता था। दूसरे लेंस द्वारा फोटो को खींचा जाता था।
  • वर्ष 1948 – एडविन लैंड ने Instant camera बनाने में सफलाता हासिल की। इसके द्वारा फोटो को तुरंत प्राप्त किया जा सकता था।
  • वर्ष 1954 – जापानी कम्पनी द्वारा पहला SLR (Single Lens Reflex) कैमरा बनाया गया। SLR की खासियत यह थी कि इसमें दो लेंस के स्थान पर एक ही लेंस का प्रयोग होता है। एक ही लेंस के द्वारा view finder और फोटो खींचने दोनों काम किये जाते है। इसमें भी फोटो की स्टोरेज के लिए फिल्म का प्रयोग किया जाता था।
  • वर्ष 1975 – कोडक कंपनी के इंजीनियर स्टीवन सैसन (Steaven Sasson) ने 1975 में पहला डिजिटल कैमरा बनाया। इसके लिए पेपर फिल्म का उपयोग नही किया जाता था। इस कैमरे द्वारा खींची गयी images कैसेट्स में save की जाती थी। जिसे बाद में टी वी पर देख सकते थे।
  • वर्ष 1989 – जापान की कंपनी द्वारा पहला DSLR (Digital single-lens reflex camera) कैमरा लॉन्च किया गया। इसमें Images को मेमोरी कार्ड में सेव किया जाने लगा। जिसके कारण इन्हें copy करना, delete करना आसान हो गया और समय की भी बचत होने लगी। DSLR के बाद से फोटोग्राफी में एक बड़ा परिवर्तन आया, जिसके कारण कैमरे का प्रयोग मोबाईल फोन में भी किया जाने लगा।
  • जून 2000 – पहला कैमरा फोनसैमसंग द्वारा पहला कैमरा सहित मोबाईल फोन लाया गया। लेकिन इस कैमरा में एक कमी यह थी कि इस मोबाईल फोन से फोटो तो खींची जा सकती थी लेकिन उस फोटो को देखने के लिए कम्प्यूटर से कनेक्ट करना आवश्यक था।
  • नवंबर 2000 – जापानी कंपनी “शार्प” (SHARP) द्वारा J SH 04 मोबाईल फोन लॉन्च (launch) किया गया। इस फोन में सैमसंग की कमी को दूर किया गया। इस फोन द्वारा खींची गयी फोटो को इस फोन में देख पाना सम्भव हो पाया।
  • नवम्बर 2002पहला फ्लैश कैमरा फोन – जापान कंपनी “सान्यो” (SANYO) द्वारा SHP 5300 मोबाईल फोन लॉन्च किया गया। यह पहला फोन था जिसमें कैमरा फ्लैश का फीचर्स लाया गया था।
  • वर्ष 2003 – सोनी कम्पनी द्वारा 2003 में  Sony Ericsson Z1010 मोबाईल फोन को released किया गया था। जिसमें  front camera का feature भी सामने आया।
  • वर्ष 2011 – पहला डुअल कैमरा फोन – फरवरी 2011 में LG द्वारा पहला dual camera phone OPTIMUS 3D announce किया गया और जून 2011 में HTC द्वारा पहला dual कैमरा फोन EVO 3D लॉन्च किया गया।
  • वर्ष 2015 – पहला डुअल फ्रंट कैमरा फोन – 2015 में बर्लिन में एक समारोह के दौरान लेनोवा द्वारा LENOVA VIBE S1 पेश किया गाया था। यह first dual front camera phone था।

डिजिटल कैमरा किस प्रकार कार्य करता है : Basic concept of Digital camera – Digital Camera Working process :

हमें ये जानकारी होनी चाहिए कि आखिर एक डिजिटल कैमरा किस प्रकार कार्य करता है। डिजिटल कैमरे के  बेसिक concept को नीचे दर्शाया गया है-

  • चित्र 1 में एक डिजिटल कैमरे को दिखाया गया है। इसमें कैमरे के मुख्य भाग लेंस, अपर्चर, शटर, व्यू पाइंट, इमेज सेंसर को दर्शाया गया है।

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  • लेंस (Lens) –  लेंस का कार्य ऑब्जेक्ट से उसकी ओर आने वाले वाली सभी प्रकाश किरणों को समेट कर इमेज सेंसर की सतह पर फोकस करना होता है।
  • अपर्चर (Aperture) – Aperture लेंस के अंदर उस छिद्र को कहते हैं जिससे होकर प्रकाश इमेज सेंसर तक पहुंचती है।इसके द्वारा कितना प्रकाश इमेज सेंसर तक जाना है, उसको नियंत्रित किया जाता है।
  • व्यू पाइंट (View Point) – इसके द्वारा object को देखा जाता है।
  • शटर (shutter) – यह लेंस और इमेज सेंसर के बीच में रहता है। कैमरे का शटर खुलने से ही लाइट डिजिटल कैमरे में उसके सेंसर तक पहुंचती है। इमेज लेने के लिए कैमरे को object पर फोकस करने के बाद जब हम Shutter Button दबाते हैं तो एक क्लिक की आवाज होती है। यह इसी शटर के खुलकर बंद होने की आवाज होती है।
  • इमेज सेंसर (Image Sensor) – यह object से आने वाले प्रकाश को इलेक्ट्रिकल सिगनल में बदलकर इमेज को डिजिटल रुप में स्क्रीन पर दिखाता है। (चित्र 2)

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  • जब भी हमें किसी object की इमेज लेनी होती है तो हम उसे view pointer की सहायता से देखते है। इस प्रकिया में एक मिरर शटर के आगे लगा होता है। जैसे ही प्रकाश लेंस से होते हुए मिरर से टकराकर ऊपर की ओर प्रिज्म से होता हुआ view pointer तक पहुँच जाता है। इस कंडीशन में शटर बंद ही रहता है और इमेज सेंसर पर कोई भी प्रतिक्रिया नहिं होती है। (चित्र 3)

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  • अब जब आब्जेक्ट को अच्छी तरह फोकस कर लिया जाता है और फोटो लेने के लिए बटन प्रेस किया जाता है तो मिरर फ्लिप हो जाता है और शटर खुल जाता है। प्रकाश सेंसर तक पहुँच जाता है और हम उस object, person की इमेज को देख पातें है। (चित्र 4)

फोटोग्राफी एक बेहतरीन करियर : (Career in Photography)

वर्तमान समय में फोटोग्राफी का उद्देश्य केवल फोटो खींचने तक ही नहीं है। यह नेम और फेम, पैसा कमाने का भी एक बहुत बड़ा माध्यम बन चुका है। यदि फोटोग्राफी करना आपका शौक है और आप इसे करियर के रुप में आगे ले जाना चाहते हो, तो इसमें आपके लिए अनेकों सम्भावनाये है। इसके लिए आपके अंदर creativity, imagination power का होना बहुत जरुरी है। क्यों कि आप इनका जितना अच्छा use कर पाओगे, उसकी quality output उतना ही बेहतर होगा।

फोटोग्राफी से सम्बंधित कोर्स – (Courses related Photography)

वैसे तो फोटोग्राफी करने के लिए कोइ विशेष कोर्स करने की कोइ आवश्यकता नहीं होती है। आपको केवल अपने कैमरे और उससे सम्बंधित tools से खेलना आना चाहिए। लेकिन एक सफल प्रोफेशनल फोटोग्राफर बनने के लिए आपके पास कुछ technical knowledge अवश्य होनी चाहिए। जिसके अंतर्गत आपको डिजिटल फोटोग्राफी और उससे संबंधित अनेक प्रकार के सॉफ्टवेयर जैसे – फोटोशॉप और मार्केटिंग क्षेत्र सम्बंधित जानकारी दी जाती है। उसके लिए आप 12th के बाद अनेक प्रकार के कोर्स कर सकते हो, जो कि online और offline दोनों ही प्रकार से उपलब्ध है-

  • सर्टिफिकेट कोर्स – इस कोर्स की अवधि 3 – 6 महीने होती है।
  • डिप्लोमा कोर्स – इस कोर्स की अवधि 1 – २ साल होती है।
  • डिग्री कोर्स – इस कोर्स की अवधि 3 साल होती है।

फोटोग्राफी करियर ऑप्शन – (Photography great Career Options) –

  • फीचर फोटोग्राफी (Feature photography) – इस फोटोग्राफी के अंतर्गत किसी विशेष फील्ड से सम्बंधित फोटोग्राफी का काम किया जाता है। जैसे – किसी स्पोर्टस से सम्बंधित photography, किसी यात्रा (travelling) थीम से सम्बन्धित फोटोग्राफी।
  • शादी फोटोग्राफी (Wedding photography) – इसे तो हमने अक्सर शादियों में देखा ही होगा। आज के समय में तो कोइ भी शादी, फोटो शूट के बिना अधूरी ही है। वर्तमान समय में तो pre wedding photography भी काफी प्रचलित है। इसके लिए फोटोग्राफर, कस्टमर से एक अच्छा amount charge करते है।
  • फैशन फोटोग्राफी (Fashion photography) – जहाँ फैशन का नाम हो और फोटो शब्द का प्रयोग न हो, ऐसा तो ही नहीं सकता। कोइ भी फैशन शो हो, celebrity की बात हो, कपड़ों के अलग अलग design का प्रर्दशन हो, सभी के लिए फोटोग्राफर की जरुरत हर जगह है।
  • मीडिया फोटोग्राफी (Media photography) – न्यूज पेपर, मैग्जीन्स, न्यूज चैनल के क्षेत्र में फोटोग्राफर का अपना ही अलग वर्चस्व है। इन फील्ड्स में फोटोग्राफर की जरुरत हमेशा ही बनी रहती है।
  • स्टॉक फोटोग्राफी (Stock photography) – एक freelancer के रुप में स्टॉक फोटोग्राफी का विकल्प बहुत ही अच्छा है। आजकल इंटरनेट पर ऐसी बहुत सी वेबसाइट है, जहाँ पर आप अपने द्वारा खींची गयी फोटो को sell कर सकते हो। आपकी फोटो quality का स्तर जिस प्रकार का होगा, आपकी earning का स्तर भी उसी प्रकार बढ़ता जायेगा।
  • पोर्टफोलियो फोटोग्राफी (Portfolio Photography) – आज के समय में बहुत से लोग modeling में करियर बनाने में लगे हुए है। एक modeler की सबसे पहली जरुरत है, बढ़िया फोटो। जिसके लिए जरुरत होती है उतने ही बढ़िया फोटोग्राफर की।
  • एडवरटाइजमेंट फोटोग्राफी (Advertisement photography) – E commerce websites को, विभिन्न प्रकार की कंपनियों को अपने products का एड करने के लिए फोटोग्राफर की अवश्यकता होती है। अनेक कंपनियाँ, अपने प्रोडक्टस का अच्छा एड करने के लिए फोटोग्राफर को hire करती है।

ऐसी ही अनेक क्षेत्र है जहाँ पर फोटोग्राफर की आवश्यकता होती है। हर एक industry की तरह है, फोटोग्राफी में भी आपकी work quality के हिसाब से आपकी earning ग्रोथ भी बढ़ती रहती है।

आज के रोचक तथ्य : (Interesting Facts) :

  • आज के समय में मोबाईल की बात हो तो एक छोटा बच्चा भी सेल्फी के बारे में जरुर जानता होगा। लेकिन क्या आपको पता है कि हमारे फोन में मिलने वाले front कैमरा की शुरुआत किसी भी प्रकार की सेल्फी लने के लिए नहीं की थी। इसका उद्देश्य उस समय पर केवल वीडियो कॉफ्रेसिंग था।
  • वेसे तो front कैमरा बहुत बाद में प्रयोग किए जाने लगे और सेल्फी शब्द कुछ सालों पहले ही चर्चा में आया था। लेकिन 1839 में विश्वं की पहली सेल्फी रॉबर्ट कॉर्नेलियज (Robert Cornelius) द्वारा ली गयी थी, जो कि पेशे से एक फोटोग्राफर थे

अगर आज के दिन में आपके लिए एसा कुछ भी रहा है खास,

जो आपके लिए रहने वाला है यादगार।

तो आप भी share कर सकते है, हमारे साथ अपने विचार।

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तब तक के लिए –

Feel every moment,

  live every moment,

   Win every moment…

    Kyu ki ye pal phir nahi milne wala ………

–  SUN in Deep

2 Comments

  1. मुझे सच में इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी बहुत-बहुत धन्यवाद संदीप जी इतनी अच्छी जानकारी देने के लिए

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