World Heart Day in hindi 2021 | विश्व हृदय दिवस | 29 सितम्बर

World Heart Day in hindi 

world heart day in hindi

हृदय या दिल या हार्ट सभी एक ही बात है। हमारे जीवन का आधार हमारा हृदय ही है। इस पोस्ट में हम जानेंगे हृदय से सम्बन्धित आवश्यक जानकारी। हमारा हृदय किस प्रकार कार्य करता है। हार्ट अटैक के कारण। दिल को स्वस्थ बनाये रखने के लिए हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

हर दिन में कुछ खास है, हर दिन का अपना अंदाज है। हर दिन कहता एक अलग इतिहास है।

आज है, 29 सितम्बर यानि कि विश्व हृदय दिवस (World Heart Day)। इस दिन के बहाने मैं करूँगा कुछ और पॉइंट्स को कनेक्ट।

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है सन इन डीप अर्थात संदीप। दोस्तों besthindilink.com में आपका बहुत-बहुत स्वागत है……….

तो चलिए शुरुआत इधर से —–

विश्व ह्र्दय दिवस कब मनाते है :

विश्व हृदय दिवस प्रत्येक वर्ष 29 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है।

क्यों मनाया जाता है :

विश्व हृदय दिवस सभी को स्वस्थ हृदय के मह्त्व के बारे में जानकारी देता है। हृदय हमारा प्राण स्त्रोत है। हृदय का एक निश्चित सीमा के अन्दर धड़कना आवश्यक है। यदि यह धडकन समय सीमा को पार कर जाये तो उससे जुड़े शरीर का महत्व समाप्त हो जाता है। विश्व हृदय दिवस के माध्यम से लोगों को इससे सम्बन्धित रोगों, सावधानियाँ, उपचार के बारे में जानकारी दी जाती है।

विश्व हृदय दिवस से सम्बन्धित थीम :    

समय समय पर विश्व हृदय दिवस से सम्बन्धित अनेक प्रकार की थीम प्रयोग की जाती है। कुछ थीम इस प्रकार है –

  • आपका दिल, मेरा दिल
  • आपके जीवन की शक्ति
  • स्वस्थ हृदय का विकल्प सबके लिए, सब जगह
  • एक संसार, एक घर और एक दिल
  • शक्ति को साझा करें

Be update : विश्व हृदय दिवस से सम्बन्धित प्रेरक संदेश

हृदय –  आवश्यक जानकारी – जो हमें पता होनी चाहिए :

हृदय मांसपेशियों से बना अंग है। एक स्वस्थ व्यक्ति का हृदय 1 मिनिट में औसतन 72 बार धड़कता है। आकार में यह लगभग हमारी मुठ्ठी के बराबर होता है। इसका वजन लगभग 300 ग्राम होता है।

हृदय किस प्रकार कार्य करता है :

हृदय का कार्य है, सिकुडना और फैलना। इसके सिकुड़ने और फैलने के इस प्रोसेस को दिल का धड़कना कहते है। हृदय के चार मुख्य भाग होते है। बायी ओर क्रमश: बाया आलिंद (Left atrium), बाया निलय (Left ventricle) और दायी ओर क्रमश: दाया आलिंद (Right atrium), दाया निलय (Right ventricle) होता है।

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हमारे शरीर को जीवित रहने के लिए आक्सीजन और पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। ये आवश्यक तत्व रक्त वाहिनियों के द्वारा पूरे शरीर में पहुँचते है। हमारे शरीर को यह आवश्यक पोषक तत्व सुचारु रुप से मिलते रहें, यह कार्य हृदय द्वारा किया जाता है।

अब जानते है यह प्रकिया किस प्रकार होती है –

हमारे शरीर में जो अशुद्ध रक्त होता है अर्थात जिस रक्त में हमारे शरीर के लिए आक्सीजन कम होती है, वह दाये एट्रियम में प्रवेश करती है। जब दाया वेंट्रिकल फैलता है तो दाये एट्रियम के नीचे का वाल्व खुलता है, जिससे वह अशुद्ध रक्त दाये वेंट्रिकल में चला जाता है। जब यह वेंट्रिकल सिकुडता है तो यह रक्त एक अन्य वाल्व के खुलने पर दोनों फेफड़ों तक चला जाता है।

जब हम बाहर से नाक के माध्यम से आक्सीजन लेते है, जो कि हमारे फेफड़ों तक जाती है, उस अशुद्ध रक्त को शुद्ध रक्त में परिवर्तित कर देती है। अब यह शुद्ध रक्त बाये एट्रियम में प्रवेश करता है। जब बाया वेंट्रिकल फैलता है तो यह शुद्ध रक्त वाल्व के खुलने पर बाये वेंट्रिकल में चला जाता है। अब जैसे ही यह वेंट्रिकल सिकुडता है तो एक अन्य वाल्व के खुलने पर यह आक्सीजन युक्त शुद्ध रक्त, रक्त वाहिनियों के माध्यम से पूरे शरीर में चला जाता है।

इस प्रकार यह पूरी प्रकिया निरन्तर चलती रहती है।

हृदयघात (Heart Attack) किस प्रकार होता है :  

यदि हृदय की उपरोक्त प्रकिया में किसी प्रकार की बाधा आ जाये तो वह हार्ट अटैक का कारण बनती है। यदि हृदय से सम्बन्धित कोरोनरी धमनी में किसी प्रकार की रुकावट आ जाये तो व्यक्ति को हार्ट अटैक के चांस बन जाते है। जैसे ही यह रुकावट एक निश्चित सीमा से अधिक हो जाती है, वह उस रास्ते को पूरी तरह से बंद कर देती है। इस प्रकार हृदय का धड़कना बन्द हो जाता है। इस स्थिति में व्यक्ति की तुरन्त मृत्यु भी हो सकती है।

यदि हृदय को लगभग 30% सप्लाई भी मिलती रहे तो भी वह जीवित रहता है। सोते समय तो केवल 10% सप्लाई से भी कार्य हो जाता है। यह व्लाकेज (चिपचिपा पदार्थ) धीरे-धीरे बढ़ती रहती है।

इस ब्लाकेज के चारों ओर एक परदा होता है। यदि यह परदा फट जाता है तो वहाँ रक्त का थक्का बन जाता है। उस रास्ते में रक्त का प्रवाह नहीं हो पाता है। इस प्रकार हार्ट अटैक का कारण बन जाता है।

हमें पूरी कोशिश करनी चाहिए कि हम ऐसी किसी भी अवस्था को आने ही न दें।

हार्ट अटैक के मुख्य कारण :

  • बुरे कोलेस्ट्रॉल (LDL) का स्तर अधिक हो जाना।
  • ट्राईग्लिसराईड का अधिक होना।
  • नशीले पदार्थ का प्रयोग करना।
  • शारीरिक व्यायाम, प्राणायाम आदि को नजरअंदाज करना।

हार्ट अटैक के लक्षण :

कुछ सामान्य लक्षण निम्न प्रकार है –

  • सांस लेने में परेशानी होना,
  • छाती या भुजाओं में दर्द, जकड़न महसूस होना,
  • सीने में जलन का होना,
  • पेट में दर्द, जी मचलना, उल्टी होना,
  • थकावट महसूस होना, चक्कर आना।

हृदय को स्वस्थ बनाये रखने के उपाय :

हमारा प्रयास यही रहना चाहिए कि हम अपने दिल को स्वस्थ बनाये रखें। इसके लिए निम्न उपाय किए जा सकते है –

  • योग, आसन, प्राणायाम को नियमित दिनचर्या में शामिल करें।
  • मेडिटेशन का अभ्यास करें।
  • फलों, हरी सब्जियों का अधिक सेवन करें।
  • खाने में फाइबर युक्त आहार अधिक लें।
  • सामान्य टी के स्थान पर ग्रीन टी का प्रयोग करें।
  • कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह, बी.पी. को नियंत्रण में रखें।
  • धूम्र्पान न करें।
  • तनाव से दूर रहें।

आज का रोचक तथ्य :

एक सर्वे के अनुसार पता चला है कि सबसे ज्यादा हार्ट अटैक सोमवार के दिन ही आते है।

अगर आज के दिन में आपके लिए एसा कुछ भी रहा है खास,

जो आपके लिए रहने वाला है यादगार।

तो आप भी share कर सकते है, हमारे साथ अपने विचार।

विश्व हृदय दिवस (world heart Day in Hindi) पर आधारित यह पोस्ट आपको कैसी लगी। आप अपनी बातें comments के माध्यम से हमारे साथ शेयर कर सकते है।

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तब तक के लिए –

Feel every moment,

 live every moment,

  Win every moment……

    Kyu ki ye pal phir nahi milne wala………

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