18 July | Nelson Mandela International Day in hindi 2021 | अंतर्राष्ट्रीय नेल्सन मंडेला दिवस

Nelson Mandela International Day in hindi

nelson mandela international day in hindi

अंतर्राष्ट्रीय नेल्सन मंडेला दिवस (Nelson Mandela International day in hindi), दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला को समर्पित है। यह दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति थे। यह दक्षिण अफ्रीका में पहली बार हुए लोकतांत्रिक चुनाव में जीतने वाले प्रथम व्यक्ति थे। इस article में हम जानेंगे नेल्सन मंडेला जी और इस दिवस से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में।

हर दिन में कुछ खास है, हर दिन का अपना अंदाज है। हर दिन कहता एक अलग इतिहास है।

आज है, 18 जुलाई यानि कि अंतर्राष्ट्रीय नेल्सन मंडेला दिवस (Nelson Mandela International Day in hindi)। इस दिन के बहाने मैं करूँगा कुछ और पॉइंट्स को कनेक्ट।

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है सन इन डीप अर्थात संदीप। दोस्तों besthindilink.com में आपका बहुत-बहुत स्वागत है……….

तो चलिए शुरुआत इधर से —

यह दिवस कब मनाते है :

नेल्सन मंडेला दिवस  प्रत्येक वर्ष 18 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है

यह दिवस मनाने की शुरुआत कब हुई :

नवंबर 2009 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रतिवर्ष 18 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय नेल्सन मंडेला दिवस मनाने की घोषणा की थी। यह दिवस पहली बार 18 जुलाई, 2010 को मनाया गया।

क्यों मनाया जाता है :

18 जुलाई को दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला का जन्मदिन है। इसलिए यह दिन नेल्सन मंडेला के सम्मान में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर celebrate किया जाता है। यह दिवस मंडेला के किए गए प्रयासों, संघर्षों, अश्वेत व्यक्तियों के जीवन में परिवर्तन लाने और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए  उनके द्वारा किए गए कार्यो के लिए याद किया जाता है।

 नेल्सन मंडेला की जीवन यात्रा :

 मंडेला नामक सूर्य का उदय  –

नेल्सन मंडेला का जन्म बासा नदी के किनारे ट्रांस्की के मवेंजो गाँव में 18 जुलाई, 1918 को हुआ था। इनकी माता का नाम नोसकेनी था। जो कि एक मैथडिस्ट थी। इनके पिता का नाम गेडला हेनरी था।

Point –  मैथडिस्ट

मेथोडिज्म  एक ईसाई प्रोटेस्टेंट  से सम्बन्धित धार्मिक आन्दोलन है। इसके सदस्य मैथडिस्ट कहलाते है। पादरी जॉन वेस्ले और उनके भाई चार्ल्स  के नेतृत्व में मेथोडिज्म का प्रवर्त्तन किया गया था।

शिक्षा का सफर

नेल्सन मंडेला की प्रारंभिक शिक्षा क्लार्कबेरी मिशनरी स्कूल में हुई। स्नातक शिक्षा के लिए हेल्डटाउन कॉलेज में गये। ‘हेल्डटाउन’ अश्वेतों मतलब काले लोगों के लिए बनाया गया विशेष प्रकार का कॉलेज था। इस कॉलेज में मंडेला की मुलाकात ‘ऑलिवर टाम्बो’ से हुई। दोनों ही जीवनभर अच्छे दोस्त बने रहे। धीरे – धीरे पूरा कॉलेज कैंपस नेल्सन मंडेला और ऑलिवर के राजनैतिक विचारों और कार्यों से प्रभावित हो रहा था। कॉलेज प्रशासन ने इस बात का विरोध किया और दोनो को कॉलेज से निकाल दिया गया।

वैवाहिक विवरण

मंडेला जी ने अपने जीवन में तीन शादियाँ की थी। पहली पत्नि एवलिन मेस, दूसरी पत्नि विनी माडिकिज़ेला और तीसरी पत्नि का नाम ग्रासा माशेल था। इनकी पहली शादी 1944 में 26 वर्ष की उम्र में, दूसरी शादी 1958 में और तीसरी शादी 80 वर्ष की उम्र में 1998 में हुई।  मंडेला की कुल 6 संताने हुई. पहली पत्नि से चार और दूसरी पत्नि से दो बच्चे हुए।

ANC और रंगभेद का संघर्ष  –

जोहान्सबर्ग जाने के बाद नेल्सन ने 1943 में  ANC मतलब अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस को join किया। जोहान्सबर्ग में मंडेला की मुलाकात ‘वाटर सिसलु’ और ‘वाटर एल्बरटाइन’ से हुई। इन सभी ने मिलकर ‘अफ्रिकन नेशनल कांग्रेस यूथ लीग’ का गठन किया। 1947 में मंडेला इस संगठन के सचिव बन गए। 1951 में नेल्सन को यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष चुन लिया गया।

Points – जोहान्सबर्ग –

  • जोहान्सबर्ग शहर हीरे और सोने की खानों के लिए विश्व में प्रसिद्ध है।
  • यह क्षेत्रफल की दॄष्टि से दक्षिण अफ्रीका का सबसे बड़ा शहर है।
  • यह दक्षिण अफ्रीका की सबसे अधिक आबादी वाला शहर भी है।

इसके बाद मंडेला ने वकालत की पढ़ाई शुरु की और एक कानूनी फर्म की स्थापना की। नेल्सन और उनके साथियों ने मिलकर रंगभेद का विरोध करना शुरु कर दिया। इस विरोध के दंड स्वरुप उन पर प्रतिबंध लगा दिया गया और जोहान्सबर्ग से बाहर भेज दिया गया। लेकिन इन सब से मंडेला का कोइ फर्क नहीं पड़ा। वह अनेक प्रकार के संगठन के साथ मिलकर अश्वेत अभियान को बढ़ावा देने में लगे हुए थे।

मंडेला के लगातार बढ़ते हुए रंगभेद आंदोलन के कारण, सरकार द्वारा 1956 में मंडेला सहित अन्य 155 नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया और सभी पर मुकदमा चलाया गया। 1961 में मंडेला और उनके 29 साथियों को निर्दोष घोषित कर छोड़ दिया गया था।

अब भी नेल्सन रुकने वाले नहीं थे। अभी उनका कार्य पूरा नहीं हुआ था। नेल्सन ने फिर से लोगों को जुटाना शुरु किया और एक नया दल तैयार किया। अपने इस दल का नाम ‘स्पियर ऑफ द नेशन’ रखा। सरकार नेल्सन को गिरफ्तार करने के लिए उसकी तलाश में लग गई। जिससे बचने के लिए नेल्सन देश के बाहर चले गये। कुछ समय बाद फिर से वे दक्षिण अफ्रीका आये। लेकिन 5 अगस्त 1962 को  नेल्सन को पकड़ लिया गया। उन पर करवाही की गयी। जिसके तहत 1964 में उन्हें उम्रकैद की सजा सुनायी गयी। इस दौरान उन्हें ‘रोबन द्वीप’ भेजा गया था।

15 अगस्त 1989 में एफ डब्ल्यू क्लार्क दक्षिण अफ्रीका के नये प्रेसिडेंट चुने गये। जिन्होंने अश्वेत समुदाय पर लगे सभी प्रतिबंधों को हटा दिया। साथ ही सभी सजा काट रहे नेल्सन के साथियों को आजाद कर दिया गया। फरवरी 1990 को नेल्सन को कैद सै रिहा कर दिया गया। आखिरकार नेल्सन मंडेला का संघर्ष पूरा हुआ। दक्षिण अफ्रीका के अश्वेत लोगों पर सभी प्रकार के प्रतिबन्ध हट जाने के बाद मानो उनके लिए एक नये जीवन की शुरुआत हुई।

दक्षिण अफ्रिका के राष्ट्रपति –

10 मई 1994 को नेल्सन मंडेला को देश का राष्ट्रपति घोषित किया गया। यह पहला समय था जब दक्षिण अफ्रीका में कोइ लोकतांत्रिक चुनाव लड़ा गया और नेल्सन ने यह चुनाव जीत लिया। यह देश के पहले अश्वेत व्यक्ति थे, जो कि  दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति बने।

अनेक प्रकार के सम्मान –

1990 में इन्हें भारत के सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया। यह भारत रत्न प्राप्त करने वाले प्रथम विदेशी थे। इसके बाद 1993 में इन्हें शांति के लिए नोबल पुरस्कार प्रदान किया गया था।

Points – नोबल पुरस्कार 

  • यह भौतिकी, रसायन, चिकित्सा, शांति, साहित्य और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में दिया जाने वाला विश्व का सर्वोच्च पुरस्कार है।
  • यह पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबल के सम्मान में दिया जाता है।
  • नोबल पुरस्कार को दिए जाने का कार्य नोबेल ‘फाउंडेशन’ द्वारा संचालित किया जाता है।
  • नोबल फाउंडेशन की स्थापना 29 जून 1900 ई. में हुई थी।
  • यह पुरस्कार पहली बार 1991 में दिया गया था।
  • पहली बार यह सम्मान पाने का श्रेय रेड क्रॉस के संसथापक हैरी दुनांत और फ्रैंच सोसायटी के संस्थापक फ्रेडरिक पैसी को संयुक्त रुप से दिया गया।
  • अब तक केवल 2 व्यक्तियों को ही मरणोपरांत यह पुरस्कार दिया गया है। लेकिन 1974 के प्रावधान के बाद मरणोपरांत यह पुरस्कार दिए जाने पर रोक लगा दी गई।
  • नोबल पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रथम भारतीय रविन्द्रनाथ टैगोर थे। उन्हें यह सम्मान 1913 में प्राप्त हुआ था।

आत्म्कथा (Autobiography):

मंडेला जी ने जेल में बिताये गये समय में अपनी आत्मकथा लिखी। इनकी आत्मकथा ”लॉन्ग वॉक टू फ्रीडम” के नाम से 1994 में प्रकाशित हुई।

मंडेला नामक सूर्य हुआ अस्त –  

लम्बे समय से यह फेफड़ों के संक्रमण से प्रभावित थे। अंत में 5 दिसंबर 2013 को नेल्सन मंडेला नामक यह सूर्य सदा के लिए अस्त हो गया।

मंडेला  के चर्चित अनेक नाम :

 नेल्सन मंडेला लोगों के बीच काफी प्रचलित थे। उन्हें लोग अनेक नामों  रोहिल्हाला, नेल्सन, डालीभुंगा, मदीबा, टाटा, खुलू आदि नामों से जानते है। अफ्रिकी भाषा में टाटा का अर्थ पिता और खुलू  का मतलब दादा होता है।

आज का रोचक तथ्य :

जेल में कैद हुए हर एक कैदी को उसके नम्बर से जाना जाता है। जिस समय मंडेला जेल में थे तो उनका  नम्बर  46664 था। जो कि दक्षिण अफ्रिका में काफी प्रसिद्ध हुआ। 2002 में 46664 नामक एक संगठन बनाया गया, जिसने एड्स और एचआईवी के प्रति युवाओं में जागरुकता लाने का अभियान चलाया।  एड्स चैरिटी संस्था 46664 ने इसी नाम से फ़ैशन लेबल क़ो शुरु किया। ताकि इसके द्वारा होने वाले लाभ को चैरिटी के काम में उपयोग में लाया जाये।

अगर आज के दिन में आपके लिए एसा कुछ भी रहा है खास,

जो आपके लिए रहने वाला है यादगार।

तो आप भी share कर सकते है, हमारे साथ अपने विचार।

आपको अंतर्राष्ट्रीय नेल्सन मंडेला दिवस (Nelson Mandela International Day in hindi) पर आधारित यह पोस्ट कैसी लगी। आप अपने विचार comments के माध्य्म से हमारे साथ share कर सकते है।

हिन्दी का सम्मान करें, हिन्दी बोलने में गर्व महसूस करें।

तब तक के लिए –

Feel every moment,

 live every moment,

  Win every moment…

   Kyu ki ye pal phir nahi milne wala……

Sun in Deep

 —–#–#—–

–*– Related Posts –*–

11 July – World Population day

6 July – World Zoonoses day

1 July – National Doctor’s day

Leave a Reply

Your email address will not be published.