**An Inspirational Story**
Short Inspirational story in hindi about whenever you feel not good
सीखते रहने में ही जिंदगी का असली मजा है, अच्छा या बुरा वो पूरी तरह से आप पर ही निर्भर (depend) करता है। अगर हर रोज आप कुछ नया सीखने की कोशिश नहीं कर रहे है तो अवश्य ही आप कहीं न कहीं फसे हुए है और आप ही है जो इस कैद से खुद को आजाद कर सकते है। स्वयं पर विश्वास रखिए और अपनी समस्याओं को समाधान में बदलिए ।
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है सन इन डीप अर्थात संदीप। दोस्तों आपका besthindilink.com में बहुत-बहुत स्वागत है।
तो चलिए शुरुआत इधर से —–
रानू 5 वीं क्लास में पढ़ता था। आजकल वह बहुत ही दु:खी दिखाई दे रहा था। वह अपनी बडी़ दीदी के अधिक करीब था। रानू की बिगड़ी हुई शक्ल को देखकर उसकी दीदी ने उसे अपने पास बुलाया। और कहा –
आजकल क्या बात है, रानू तुम इतना परेशान क्यों हो। न तो ठीक प्रकार से खा रहे हो और न ही अपने दोस्तों के साथ खेलने जा रहे हो। मुझे बताओ …..
रानू रोते हुए, धीमी सी आवाज में बोला –
दीदी, स्कूल में सब मुझे चिढ़ाते है। मेरी नाक को लेकर बहुत मजाक बनाते है। बार-बार मेरी नाक को टच करते है। मैं कल से स्कूल नहीं जाऊँगा। मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता है।
दीदी ने रानू की परेशानी को समझा और कहा चलो मेरे साथ –
दीदी, रानू को किचिन में ले गयी। उन्होंने गैस पर तीन बर्तन रखें। तीनों बर्तनों में समान मात्रा में दूध डाला। पहले दूध से भरे बर्तन में उन्होंने एक मुठ्ठी चावल डाले। दूसरे दूध से भरे बर्तन में कुछ अंडे। तीसरे बर्तन में हल्दी का पाउडर। अब उन्होंने गैस को ऑन कर दिया और तीनों बर्तनों को गर्म होने के लिए छोड़ दिया।
दीदी ने कहा तुमने ध्यान से देखा, मैंने क्या किया??
रानू को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर दीदी कर क्या रही है। रानू थोड़ा सा झुझलाते हुए बोला हाँ, मैंने देख लिया।
दोनों ही वहाँ पर खड़े रहे और कुछ देर इंतजार किया। रानू को अंदर ही अंदर गुस्सा आ रहा था। वह बोला दीदी हम कब तक इसे ऐसे ही देखते रहेंगे।
दीदी ने कहा – थोड़ा सा वेट करो बस हमारा काम हो गया।
कुछ देर बाद दीदी ने गैस को ऑफ किया। दीदी ने एक कटोरी में पहले बर्तन के मिश्रण को डाला। मतलब उसमें दूध और चावल थे। दूसरे बर्तन से अंडों को बाहर निकाला। तीसरे बर्तन से हल्दी और दूध के मिश्रण को एक गिलास में भर लिया।
अब दीदी ने कहा, तो बताओ तुम्हें क्या दिखाई दे रहा है। रानू गुस्से में बोला इसमें देखना क्या है एक में दूध और चावल, दूसरे में अंडे और तीसरे स्थान पर हल्दी वाला दूध है।
दीदी ने कहा अब थोड़ा ध्यान से देखो –
उन्होंने पहले बर्तन से थोड़े से चावलों को निकाला और उन्हें हाथ से दबाया। वह बहुत ही अधिक मुलायम हो चुके थे। अब उन्होंने अंडों को तोड़ा तो वह कठोर थे। अब उन्होंने हल्दी वाले दूध का गिलास उठाया और कहा इसे देखो और सूंघो। इसमें रानू ने एक खुशबू को महसूस किया।
दीदी ने कहा-
हमने चावल, अंडे और हल्दी तीनों को ही एक परिस्थिति में रखा। लेकिन तीनों ने ही उस परिस्थिति में अलग-अलग प्रकार से रिएक्ट किया।
चावल गर्म किए जाने से पहले कठोर थे, लेकिन बाद में अंदर और बाहर दोनों से कमजोर हो गये। अंडे जो कि पहले अन्दर से कमजोर थे, गर्म किए जाने पर बाहर से तो कठोर थे ही साथ ही अंदर से भी कठोर हो गये। इसका मतलब यह है कि परेशानी के आने पर अंडों ने स्वयं को अंदर से भी मजबूत कर लिया। और बहुत हद तक अंडों ने उस दूध को भी खराब कर दिया। मतलब कि आने वाली परेशानी को भी प्रभावित कर दिया।
लेकिन इस हल्दी ने उस परिस्थिति में बाकी सभी से हट कर बिल्कुल अलग प्रतिक्रिया दी। उसने तो पूरे दूध को अपने रंग में रंग दिया। और उसमें अपनी सुगन्ध भी फैला दी। और दूध के साथ ऐसा संयोग बनाया लिया कि जो कि बहुत से रोगों को दूर करने में सहायक होता है। अर्थात हल्दी ने उस समस्या को ही अवसर में बदल दिया।
दीदी ने कहा –
तो अब तुम्हें यह निर्णय लेना है कि तुम्हें किस की तरह बनना है। चावल की तरह, अंडे की तरह या हल्दी की तरह।
रानू को यह सब तो समझ आ गया था लेकिन अपने नकारात्म्क नजरिए के कारण उसने झठ से एक प्रश्न किया-
दीदी, अगर यहाँ दूध की मात्रा बहुत ही ज्यादा हो, तब तो हल्दी का प्रभाव होगा ही नहीं।
दीदी मुस्कराई और बोली-
रानू तुम परेशानी को तो बड़ा करने में रुचि ले रहे हो क्या यही रुचि तुम उस हल्दी की मात्रा बढ़ाने में नहीं ले सकते।
रानू को दीदी की बात समझ आ गयी थी। वह मुस्कराया और दीदी को गले लगा लिया। अब रानू समझ चुका था कि उसे उस परिस्थिति में कैसे रिएक्ट करना है।
कहानी की सीख –
कहानी की सीख पूरी तरह से स्पष्ट है। जब हम किसी परेशानी में आते है और हमें कोई रास्ता दिखाई नहीं देता है हम अन्दर ही अन्दर परेशान होने लगते है। समस्या को हल करने के स्थान पर उसमें और ही अधिक घिरते चले जाते है। जैसे ही आपके जीवन में कोई परेशानी आये उस परेशानी को अपने ही रंग में रंगकर अपने जीवन को ही बदल दो।
और यदि समस्या बहुत ही अधिक बडी़ नजर आये तो स्वयं को भी उतना ही अधिक मजबूत बनाने में लग जाओ।
अपने जीवन में उन्नति (grow) की ओर एक कदम और बढ़ायें। स्वयं पर विश्वास रखिए आप इसे अवश्य जीत जायेंगे।
वैसे आपको क्या लगता है कि रानू अब अपने स्कूल में कैसे रिएक्ट करेगा?
क्या आज के दिन में आपने भी सीखा है कुछ भी नया?
क्या डेवलप (develop) कर रहे है कोइ नयी स्किलस (skills)??
यदि जबाब हाँ है तो आप सही दिशा में है और जबान नहीं है तो आज से ही शुरुआत कर दीजिए।
अगर वर्तमान में आपके साथ कोई परेशानी है तो आप उसके साथ कैसे डील करने वाले है?
Short Inspirational story in hindi about whenever you feel not good पर आधारित यह प्रेरणादायक कहानी आपको कैसी लगी। आप अपने विचार comment के माध्यम से हमारे साथ शेयर कर सकते है।
हिन्दी का सम्मान करें, हिन्दी बोलने में गर्व महसूस करें।
तब तक के लिए –
Feel every moment,
live every moment,
Win every moment……
Kyu ki ye pal phir nahi milne wala…………
— Sun in Deep
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