22 July | National Flag Adoption day in hindi 2021 | राष्ट्रीय झण्डा अंगीकरण दिवस

National Flag Adoption Day in hindi :

पूरे विश्व में 195 स्वतंत्र देश है। प्रत्येक देश का एक झंडा (flag) होता है, जो कि उस देश को represent करता है। हमारे देश भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा है। यह तीन रंग की पट्टियों (केसरिया, सफेद, हरे रंग) से मिलकर बना होता है। इसलिए इसे तिरंगा कहते है।

हर दिन में कुछ खास है, हर दिन का अपना अंदाज है। हर दिन कहता एक अलग इतिहास है।

आज है, 22 जुलाई यानि कि राष्ट्रीय झण्डा अंगीकरण दिवस  (National Flag Adoption  Day in hindi) इस दिन के बहाने मैं करूँगा कुछ और पॉइंट्स को कनेक्ट।

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है सन इन डीप अर्थात संदीप। दोस्तों besthindilink.com में आपका बहुत-बहुत स्वागत है……….

तो चलिए शुरुआत इधर से —

national flag adoption day in hindi

राष्ट्रीय झण्डा अंगीकरण दिवस कब मनाते है :

भारत में प्रत्येक वर्ष 22 जुलाई को राष्ट्रीय झण्डा अंगीकरण दिवस मनाया जाता है।

शुरुआत कब हुई :

हमारे राष्‍ट्रीय ध्‍वज तिरंगे को भारतीय संविधान द्वारा 22 जुलाई 1947 को अंगीकृत (अपनाया) किया गया। तब से हर वर्ष 22 जुलाई को राष्ट्रीय झण्डा अंगीकरण दिवस celebrate किया जाता है।

भारतीय ध्वज का सफर :

वर्तमान समय में हमारे देश का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा है, लेकिन देश की आजादी से पहले समय-समय पर भारत के ध्वज में अनेक परिवर्तन होते रहे है। जिनमें से कुछ मुख्य ध्वज इस प्रकार है –

  1. 1857 flag –  1857 में भारत पर ब्रिटिश शासन का अधिकार था। तब ब्रिटिश सरकार ने भारत के लिए यह झण्डा निर्धारित किया। जो कि भारत की परतंत्रता को प्रदर्शित कर रह था।

1857 flag

  1. 1904 flag1904 में स्वामी विवेकानंद की शिष्या भगिनी निवेदिता ने एक ध्वज बनाया। इस झण्डे में लाल रंग स्वतंत्रता का और पीला रंग जीत का प्रतीक था। मध्य में बंगाली भाषा में “वन्दे मातरम” लिखा हुआ था।

1904 flag

Points :  भगिनी निवेदिता 

यह एक अंग्रेज-आइरिश सामाजिक कार्यकर्ता, लेखिका और शिक्षिका थी। निवेदिता का जन्म आयरलैण्ड में हुआ था। इनका मूल नाम ‘मार्गरेट एलिजाबेथ नोबल’ था। विवेकानंद जी से मिलने के बाद, निवेदिता जी इनसे से बहुत अधिक प्रभावित हुई और स्वामी जी को अपना गुरु बना लिया। स्वामी जी के कहने पर निवेदिता भारत आ गयी और स्वामी जी के साथ हिंदू आदर्शों के प्रचार और समाजसेवा में लग गई। यह जीवन के अन्तिम समय तक भारत में ही रही।

  1. 1906 flagइस झण्डे में लाल रंग हिंदुस्तान, पीला रंग बौद्ध धर्म और सिख धर्म तथा हरा रंग मस्लिम धर्म को प्रदर्शित करता है।  ये 8 फूल, तत्कालीन भारत के 8 राज्यों को बताते है। मध्य में वन्देमातरम लिखा हुआ होता है।

1906 flag

  1. 1907 flagइस झण्डे को बनाने में भीकाजी कामा, वीर सावरकर, श्यामजी कृष्ण वर्मा का सहयोग रहा। इस झण्डे को भीकाजी कामा द्वारा 22 अगस्त 1907 में जर्मनी में पहली बार फहराया गया। यह पहला झण्डा था जो कि विदेशी जमीन पर फहराया गया था। इसे बर्लिन कमेटी ध्वज के नाम से भी जाना जाता है।

1907 indian flag 

  1. 1917 flag1917 में होमरूल लीग आंदोलन के दौरान यह झण्डा लोकमान्य बालगंगाधर तिलक और डॉ. एनी बेसेंट द्वारा फहराया गया। इस झण्डे में कोने में यूनियन जैक बना हुआ था। इसमें लाल और हरे रंग की पट्टियां थी। इसमें बने 7 सितारे सप्त ॠषि को प्रदर्शित (show‌) करते है। इस झण्डे में लगा यूनियन जैक कहीं न कहीं हमें ब्रिटिश शासन की बेड़ियों में जकड़ा हुआ महसूस करा रहा था। इसलिए यह झण्डा बहुत अधिक प्रसिद्ध नही हो सका। 

1917 flag

Points :  

लोकमान्य बालगंगाधर तिलक अपने इस कथन “स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है, और मै इसे लेकर रहूँगा ” के लिए जाने जाते है।

एनी बेसेंट  राष्ट्रीय कांग्रस की पहली महिला अध्यक्ष थी।

 

  1. 1921 flag1921 में  पिंगली वेंकैया और महात्मा गाँधी ने मिलकर इस प्रकार का झण्डा बनाया। जिसमें सफेद रंग और एक चरखा को शामिल किया गया।

1921 indian flag

  1. 1931 flag : 1921 के बाद झण्डे में और संशोधन किया गया। जिसमें सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफेद और सबसे नीचे हरा रंग था।

1931 flag

  1. 1947 flag (तिरंगा) –  अन्त में 22 जुलाई 1947 में डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में तिरंगे को  राष्ट्रीय ध्वज घोषित किया गया। जिसमें चरखे को हटाकर नीले रंग के अशोक चक्र को जगह दी गयी।

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तिरंगे के तीन रंग :

तिरंगे में सबसे ऊपर की पट्टी केसरिया रंग की है, जो कि बलिदान, त्याग का प्रतीक है। बीच की पट्टी में सफेद रंग है जो कि शन्ति, स्वच्छता, पवित्रता का प्रतीक है। सबसे नीचे की पट्टी में हरा रंग, खुशहाली, समृद्धि और प्रगति  को प्रदर्शित करता है। ध्वज की चौड़ाई और लम्‍बाई का अनुपात 2:3 होता है।

अशोक चक्र :

सफ़ेद पट्टी के मध्य में गहरा नीले रंग का चक्र है। यह चक्र सम्राट अशोक के बहुत से शिलालेखों पर बना हुआ है। इसे अशोक चक्र, धर्मचक्र, विधि चक्र नामे से जाना जाता है। इस चक्र में 24 तीलियां हैं, जो कि मनुष्य के 24 गुणों को प्रदर्शित करती है। ये 24 गुण इस प्रकार है-

पहली (1st) तीली –         संयम (संयमित जीवन जीने की प्रेरणा देती है)

दूसरी (2nd)  तीली –         आरोग्य (निरोगी जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है)

तीसरी (3rd) तीली –        शांति (देश में शांति व्यवस्था कायम रखने की सलाह)

चौथी (4th)  तीली –         त्याग (देश एवं समाज के लिए त्याग की भावना का विकास)

पांचवीं (5th) तीली –       शील (व्यक्तिगत स्वभाव में शीलता की शिक्षा)

छठवीं  (6th) तीली –        सेवा (देश एवं समाज की सेवा की शिक्षा)

सातवीं (7th) तीली –       क्षमा (मनुष्य एवं प्राणियों के प्रति क्षमा की भावना)

आठवीं (8th) तीली –       प्रेम (देश एवं समाज के प्रति प्रेम की भावना)

नौवीं (9th) तीली –         मैत्री (समाज में मैत्री की भावना)

दसवीं (10th) तीली –      बन्धुत्व (देश प्रेम एवं बंधुत्व को बढ़ावा देना)

ग्यारहवीं (11th) तीली –   संगठन (राष्ट्र की एकता और अखंडता को मजबूत रखना)

बारहवीं (12th) तीली –     कल्याण (देश व समाज के लिये कल्याणकारी कार्यों में भाग लेना)

तेरहवीं (13th) तीली –     समृद्धि (देश एवं समाज की समृद्धि में योगदान देना)

चौदहवीं (14th) तीली –    उद्योग (देश की औद्योगिक प्रगति में सहायता करना)

पंद्रहवीं (15th) तीली –     सुरक्षा (देश की सुरक्षा के लिए सदैव तैयार रहना)

सौलहवीं (16th) तीली –   नियम (निजी जिंदगी में नियम संयम से बर्ताव करना)

सत्रहवीं (17th) तीली –    समता (समता मूलक समाज की स्थापना करना)

अठारहवी (18th) तीली –  अर्थ (धन का सदुपयोग करना)

उन्नीसवीं (19th) तीली –  नीति (देश की नीति के प्रति निष्ठा रखना)

बीसवीं (20th) तीली –      न्याय (सभी के लिए न्याय की बात करना)

इक्कीसवीं (21th) तीली –  सहकार्य (आपस में मिलजुल कार्य करना)

बाईसवीं (22th) तीली –    कर्तव्य (अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करना)

तेईसवी (23th) तीली –     अधिकार (अधिकारों का दुरूपयोग न करना)

चौबीसवीं (24th) तीली –   बुद्धिमत्ता (देश की समृधि के लिए स्वयं का बौद्धिक विकास करना)

Points : सम्राट अशोक

यह मौर्य साम्राज्त के तीसरे शासक थे। यह मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य के पोते थे। सम्राट अशोक ने 269 ईसापूर्व से 232 ईसापूर्व तक भारत पर शासन किया। यह मौर्य वंश में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले एक मात्र शासक थे। ये अपनी कुशल प्रशासन नीति और कूटनीति के लिए जाने जाते थे। इनके इस अद्भुत साहस, निडरता, पराक्रम, कुशल नीतियों की वजह से इन्हे “अशोक महान” के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा इन्हें प्रियदर्शी और देवानाम्प्रिय  के नाम से भी जाना जाता है। अशोक महान बौद्ध धर्म से बहुत अधिक प्रभावित थे। इसलिए बाद में उन्होंने बौद्ध धर्म को अपना लिया और बौद्ध धर्म के प्रचार और प्रसार में लग गये। ये भारतीय इतिहास के एक ऐसे य़ोद्धा थे, जिन्होंने अपने जीवनकाल में कभी भी हार का सामना नहीं किया।

तिरंगे का सम्मान :

किसी को कहने वाली बात तो नहीं है, लेकिन फिर भी यह कहना चाहूँगा कि हमारे लिए तिरंगे का सम्मान सर्वोपरि होना चाहिए। यह केवल कपड़े या किसी कागज की बनी हुई आर्ट नही है, बल्कि यह उन सभी वीरों के बलिदान को दर्शाती है, जो कि हमारी रक्षा के लिए बिना सोचे समझे अपने जीवन को न्यौछावर करने के लिए तत्पर रहते है। जब हम इस तिरंगे का सम्मान करते है, तो यह सम्मान हमारे देश के लिए होता है। यह सम्मान उन सेनानियों के लिए होता है, जिसकी वजह से हम यहाँ आजादी से जी पा रहे है।

आज़ का रोचक तथ्य :

क्या आपको पता है कि पहले राजकीय जगहों के अतिरिक्त किसी और स्थान पर, किसी भी भारतीय नागरिक द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति नहीं थी। बाद में 26 जनवरी 2002 में ध्वज संहिता में संशोधन किया गया। जिसके बाद से भारतीय नागरिक घरों, स्कूलों, कार्यालयों में कभी भी राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकते हैं।

अगर आज के दिन में आपके लिए एसा कुछ भी रहा है खास,

जो आपके लिए रहने वाला है यादगार।

तो आप भी share कर सकते है, हमारे साथ अपने विचार।

राष्ट्रीय झण्डा अंगीकरण दिवस ( National Flag Adoption Day in hindi) पर आधारित यह पोस्ट आपको कैसी लगी। आप अपनी बातें comments के माध्यम से हमारे साथ शेयर कर सकते है।

हिन्दी का सम्मान करें, हिन्दी बोलने में गर्व महसूस करें।

तब तक के लिए –

Feel every moment,

 live every moment,

  Win every moment…

   Kyu ki ye pal phir nahi milne wala……

–  Sun in Deep

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–*–other July month Posts –*–

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11 July – World Population day

6 July – World Zoonoses day

1 July – National Doctor’s day

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