Short Inspirational story in hindi whenever you feel less than other person | छतरी का सपना ???

**An Inspirational Story**

Short Inspirational story in hindi whenever you feel less than other person

Short Inspirational story in hindi whenever you feel less than other person

सीखते रहने में ही जिंदगी का असली मजा है, अच्छा या बुरा वो पूरी तरह से आप पर ही निर्भर (depend) करता है। अगर हर रोज आप कुछ नया सीखने की कोशिश नहीं कर रहे है तो अवश्य ही आप कहीं न कहीं फसे हुए है और आप ही है जो इस कैद से खुद को आजाद कर सकते है। स्वयं पर विश्वास रखिए और अपनी समस्याओं को समाधान में बदलिए ।

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है सन इन डीप अर्थात संदीप। दोस्तों आपका besthindilink.com में बहुत-बहुत स्वागत है।

तो चलिए शुरुआत इधर से —–

यह कहानी शुरु होती है, एक ठेले से। एक फल विक्रेता, जो कि अपने ठेले पर तरह-तरह के फल बेचता था। हर दिन की भाँति वह आज भी अपने घर से आया और अपने निश्चित स्थान पर अपना ठेला लगाकर फल बेचने लगा।

थोड़ी ही देर में रोज की तरह सूर्य की तेज किरणों ने वहाँ पर प्रवेश किया। तब उस फल विक्रेता ने अपनी छतरी को निकाला और उसे खोल कर ठेले पर लगा दिया।

जैसे ही सूर्य की तेज रोशनी उस छतरी पर पड़ी तो अचानक छतरी की नींद खुली। छतरी लगातार पूरे दिन उस तेज धूप को सहन करती रही। छतरी का शरीर पूरी तरह से गर्म हो गया था। इस तेज धूप के कारण छतरी बहुत ही दु:खी नजर आ रही थी।

शाम होने पर हर दिन की तरह उस फल विक्रेता ने छतरी को बंद किया और अपने घर चल दिया। घर पहुँचने पर उसने छतरी को घर के एक कोने पर रखा और चला गया। अब जाकर छतरी ने थोड़ा चैन लिया। लेकिन छतरी अब भी परेशान थी, उसे ठीक से नींद नहीं आ रही थी। वह लगातार यही सोच रही थी कि उसकी जिंदगी तो कितनी बेकार है। मैं तो सभी के मुकाबले बहुत ही तुच्छ हूँ।

छतरी कहने लगी एक तो दिन-भर उस धूप को सहन करो और अब रात में आकर इस कोने में पड़ जाओ। यह भी कोई जीवन है। असली आनन्द तो इस फल वाले का है। जो पूरे दिन पैसे ही कमाता रहता है। सच्ची खुशी तो इस इंसानी जीवन में ही है। मेरा जीवन तो व्यर्थ ही है।

यह सब सोच-विचार करते हुए छतरी को अचानक नींद आ गयी। वह एक सपना देखने लगी।

छतरी का सपना कुछ इस प्रकार –

छतरी मन ही मन यह सोचने लगी कि काश मैं यह फल विक्रेता होती तो मेरा जीवन कितना बढ़िया होता। यह सोचते ही छतरी, फल विक्रेता बन जाती है। जैसे ही वह फल विक्रेता बनती है, वह बहुत ही खुश हो जाती है। उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं होता है। लेकिन जितनी तेजी से वह खुश हुई थी, उतनी ही जल्द वह इस फल विक्रेता के रुप में दु:खी हो जाती है। क्यों कि वह देखती है कि इस फल वाले का जीवन भी आसान नहीं है।

यह केवल पैसे ही नहीं कमाता है, इसे पहले फल खरीदने के लिए भी सुबह-सुबह जागना पड़ता है। बिना खाये-पीये उस फल मण्डी की भीड़ में लगना पड़ता है। इतने सारे लोगों से डील करना पड़ता है। फिर फल बेचने के बाद यह थका हुआ शाम को घर आता है तो भी कितना परेशान रहता है। बात-बात पर परिवार से झगड़ना पड़ता है, उनकी इतनी परेशानियों को सुलझाना पड़ता है। ये जीवन तो बेकार है। मेरी इतनी क्षमता नहीं है कि मैं इस फल विक्रेता के समान इतना सब कुछ सम्भाल सकूं।

अब छतरी की नजर सूर्य पर जाती है, वह कहती है इससे अच्छा तो काश मैं वह सूर्य होती। सबसे शक्तिशाली तो वह सूर्य है। जिसके तेज प्रकाश के आगे तो किसीकी भी चल नहीं पा रही है। ऐसा कहते ही छतरी, सूर्य बन गयी। सूर्य बनते ही वह बहुत ही खुश हो गयी।

लेकिन यह क्या उसकी खुशी अब भी अधिक देर तक टिक नहीं सकी। जैसे ही वह सूर्य बनी, उसको स्वयं में बहुत ही गर्म अनुभव हुआ। उसे इतना अधिक गर्म महसूस हुआ कि शायद वह अपने ही ताप से तुरंत ही पूरी तरह से समाप्त हो जायेगी। उसने जाना कि जितना गर्म वह अब महसूस कर रही थी, उसके मुकाबले उस छतरी के रुप में जो महसूस किया था, वह तो बहुत ही कम था। उसने जाना कि सूर्य इतना ताप प्रदान कर रहा है, तो वह उस ताप में स्वयं भी जल रहा है। जिसका सामर्थ्य उसके अंदर तो नहीं है। छतरी ने सोचा यह जीवन भी बेकार ही है।

यह कहते ही उसकी नजर उस फल के ठेले पर रखे सेब पर पड़ी। उसने कहा असली मजे तो इन सेबों के है। जो भी इस ठेले पर आ रहा है, हर कोई इन सेबों के बारे में ही पूछ रहा है। वास्तिविक सम्मान तो इन सेबों का ही है। इन्हीं की चर्चा है चारों ओर। हर कोई इनको खरीदना चाहता है। बदले में इनके दाम भी दे रहा है। वास्तव में ये तो बहुत ही मूल्यवान है।

काश मैं यह सेब होती। मात्र छतरी ने इतना ही सोचा कि वह उन सेबों में से एक सेब बन गयी। जैसे ही वह सेब बनी वह फिर से बहुत ही खुश हो गयी। कुछ ही देर में एक ग्राहक आया, उसने कुछ सेब खरीदे। उन सेबों में वह छतरी भी थी जो सेब का जीवन जी रही थी। उसे बहुत ही खुशी महसूस हुई। यह सब देख उसके चेहरे पर बहुत ही प्रसन्नता थी कि वह एक नए घर जा रही है।

उस व्यक्ति ने उन सेबों को धोया और एक प्लेट में रखा और साथ में एक चाकू भी ले आया। वह छतरी अब भी बहुत ही खुश थी। उसे लगा कि शायद अब और कुछ अलग होगा।

अब उस व्यक्ति ने उस छतरी रुपी सेब को ही उठा लिया। वह अब भी खुश थी। लेकिन अचानक ही वह देखती है कि उस व्यक्ति ने चाकू उठाया और वह चाकू की धार को उस सेब की तरफ लाया। यह देख उस छतरी रुपी सेब के पसीने छूट गये। उसने जैसे ही चाकू को सेब पर मारा तो वह छतरी बहुत ही तेज चिल्लाई…… नहीं …. नहीं…..

तेजी से चीखते हुए अचानक से उस छतरी की नींद खुल जाती है। छतरी स्वयं को सही अवस्था में पाती है। वह देखती है कि सब कुछ पहले जैसा ही है। वह समझ चुकी थी कि हर एक का अपना जीवन है। कोई भी किसी के मुकाबले तुच्छ नहीं है। मैं जिस कार्य के लिए बनी हूँ, मैं उसे अच्छी प्रकार से पूरा कर सकती हूँ। जो मुझे होना चाहिए था, वास्तव मैं वही हूँ।

कहानी की सीख –

दोस्तों, यह तो एक काल्पनिक कहानी है। लेकिन आप सभी इसके उदाहरण अपने आस-पास अवश्य देखते होंगे। हम अक्सर अपने जीवन से खुश नहीं रहते है। केवल अन्य व्यक्तियों को देख उनके समान जीवन जीना चाहते है। वह इस बात से खुश नहीं रहते है कि स्वयं के पास क्या है, बल्कि इस बात को लेकर परेशान रहते है कि दूसरे के पास क्या है।

हमेशा हमें दूसरों का जीवन ही अच्छा लगता है।  हमें यह समझना होगा कि हमारा जीवन बहुत ही बेहतर है औ हमारे प्रयास इसे और भी अधिक बेहतर बना सकते है। हमारे पास इतनी काबिलियत है कि हम जिस दिशा में चाहे, उस दिशा में स्वयं का प्रसार कर सकते है। न तो स्वयं को किसी से तुच्छ समझें और न ही किसी से बहुत ही अधिक।

यहाँ तात्पर्य यह बिल्कुल भी नहीं है कि अगर दूसरों के पास कुछ अच्छाई है तो हम उन जैसा बनने की न सोचें। कहने का अर्थ यही है कि हम अपने वर्तमान से परेशान न रहें बल्कि उसे अच्छा बनाने में हमेशा प्रयासरत रहें।

खुश रहें, खुशियाँ बाँटते रहे।।

पूछ-ताछ

वैसे आपको क्या लगता है कि उस छतरी का मन अब वास्तव में शांत हो गया होगा??

क्या उस ठेले पर कोई और भी फल होंगे जो कि वह छतरी बनने का सोच रही होगी?

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sandeep maheshwari quote

जिस पल आप अपने आपको महत्व देना शुरू कर देते हैं, दुनिया आपको महत्व देना शुरू कर देगी।

–   संदीप माहेश्वरी

क्या आज के दिन में आपने भी सीखा है  कुछ भी नया?

क्या डेवलप (develop) कर रहे है कोइ नयी स्किलस (skills)??

 यदि जबाब हाँ है तो आप सही दिशा में है और जबान नहीं है तो आज से ही शुरुआत कर दीजिए।

आप बताना चाहेंगे कि आप अपना जीवन किस प्रकार बेहतर बना रहे है??   

Short Inspirational story in hindi whenever you feel less than other person पर आधारित यह प्रेरणादायक कहानी आपको कैसी लगी। आप अपने विचार comment के माध्यम से हमारे साथ शेयर कर सकते है।  

हिन्दी का सम्मान करें, हिन्दी बोलने में गर्व महसूस करें।

तब तक के लिए –

Feel every moment,

 live every moment,

   Win every moment……

     Kyu ki ye pal phir nahi milne wala…………

  —   Sun in Deep

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